Subscribe:

शनिवार, 6 मार्च 2010

उसकी कविता से गुजरते हुए


तुम्हारी कविता पढता हुआ जब मै
खुद को महसूस करने की कोशिश करता हूँ
कविता गुजर जाती है
जैसे /उस एक वक़्त/ मै
तुम्हे महसूस करने की कोशिश कर रहा था
मगर वक़्त/ पैबंद लगाये गुजर गया था
तुम्हारी कविता का बैलौस आखें बचा कर गुजरना
मुझे कभी पसंद नहीं आया
हाँ ,ये सच है कि मै खुद को महसूस करने के लिए
इनके शब्द दर शब्द निगलता रहा हूँ
मगर अफ़सोस/ बेस्वाद हैं ये सारे शब्द
इन गुजरी हुई कविताओं के |
मै बार बार उन्हें झकझोरता हुआ कहता हूँ
मत गुजरो मुझे साथ ले चलो
मगर वो तुम्हारी कविता ठहरी
मुझे मुंह चिढ़ाकर गुजर जाती है
तुम कहती हो तो
यादों का काफिला भी जरुर गुजरता होगा
इसका यकीन है मुझे
मगर ये भी यकीन है कि
यादें/ जिंदगी जीने की जरुरत से ज्यादा /समझौता होती हैं
उन चीजों को दुरस्त करने के लिए
जिन्हें हम /अपनी आँखों के आगे से गुजर जाने देते हैं
जैसे अभी/ इस एक वक़्त
तुम्हारी कविता गुजर गयी
और मै इस एक रात को गुजरता देख रहा हूँ