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विज्ञान
आदमी का शीशे में तब्दील होना
कोई रासायनिक अभिक्रिया नहीं
एक सामान्य भौतिक क्रिया है
जूझते ,डरते ,सहमते या फिर प्यार करते हुए आदमी
की शिराओं में
घटता बढ़ता रक्तदाब
उसे अक्सर शीशा
तो कभी -कभी पत्थर बना जाता है
टूटने के लिए जुड़ते हुए लोग
इस शहर में अकेले नहीं हैं
इस भीड़ के लिए अब वक्त है
कि वो अंकगणित को भी जाने |
4 टिप्पणियां:
टूटने के लिए जुड़ते हुए लोग
इस शहर में अकेले नहीं हैं sundar abhivyakti. bahut badhiya.
टूटने के लिए जुड़ते हुए लोग
इस शहर में अकेले नहीं हैं
bahut sundar bhavavyakti, badhai
adbhud....
aweshji aap pyaar ka es bhav ko apni rachna me kyo dekhte hain ?
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