तुम्हारी कविता पढता हुआ जब मै
खुद को महसूस करने की कोशिश करता हूँ
कविता गुजर जाती है
जैसे /उस एक वक़्त/ मै
तुम्हे महसूस करने की कोशिश कर रहा था
मगर वक़्त/ पैबंद लगाये गुजर गया था
तुम्हारी कविता का बैलौस आखें बचा कर गुजरना
मुझे कभी पसंद नहीं आया
हाँ ,ये सच है कि मै खुद को महसूस करने के लिए
इनके शब्द दर शब्द निगलता रहा हूँ
मगर अफ़सोस/ बेस्वाद हैं ये सारे शब्द
इन गुजरी हुई कविताओं के |
मै बार बार उन्हें झकझोरता हुआ कहता हूँ
मत गुजरो मुझे साथ ले चलो
मगर वो तुम्हारी कविता ठहरी
मुझे मुंह चिढ़ाकर गुजर जाती है
तुम कहती हो तो
यादों का काफिला भी जरुर गुजरता होगा
इसका यकीन है मुझे
मगर ये भी यकीन है कि
यादें/ जिंदगी जीने की जरुरत से ज्यादा /समझौता होती हैं
उन चीजों को दुरस्त करने के लिए
जिन्हें हम /अपनी आँखों के आगे से गुजर जाने देते हैं
जैसे अभी/ इस एक वक़्त
तुम्हारी कविता गुजर गयी
और मै इस एक रात को गुजरता देख रहा हूँ
14 टिप्पणियां:
अदभुत कविता ! फिर-फिर गुजर कह कुछ कह सकूँगा !
आभार !
adbhut... har baa kee tarah...
कविता बहती सेी लगती है। बहुत अच्छा प्रयास है।
सही कह रहे हैं आप...बहुत ही गहरी सम्वेदना को बहुत ही खूसूरत शब्दों में पकड़ा है आपने पर फिर भी बहुत कुछ है जो अनछुय ही गुज़र जाता है और हम मर बार बेबस से हो जाते हैं
बढिया रचना !!
यादें/ जिंदगी जीने की जरुरत से ज्यादा /समझौता होती हैं
उन चीजों को दुरस्त करने के लिए
जिन्हें हम /अपनी आँखों के आगे से गुजर जाने देते हैं
(आजकल
दारू पिए (टुन्न हुए) बिना भी सुन्न हो जाता है आदमी.
फिर भी पी लेता है. यूँ ही.)
bahut gahre utar gaye.........sundar bhav.
बहुत अच्छा प्रयास .....जिस कविता से गुज़रे है आप , उसकी भी चुटकी भर यहाँ छोड़ देते|
शुभ-कामनाएं
kyaa baat hai bhaayi........!!
आवेश जी शब्द नहीं हैं आपकी इस कविता के बारे में टिप्पणी करने के लिए.......
aaveshji merebhav par aane aur meri kavitao par apne valuable comment dene ke liye aapka bahut dhanyawad. aapki guidence ki hamesha jarurat rahegi. aapka bjog pada. is star ki to nahi lekin likhne ki koshish kar rahi hoon. kripya guidence banaye rakhe. aapki 'kavita' bahut gahri hai. shubhkamna
मगर ये भी यकीन है कि
यादें/ जिंदगी जीने की जरुरत से ज्यादा /समझौता होती हैं
bahut achchha likhe aap
yah kavitaa
sundar abhivyakti,gehra bhav.shubkamnayen.
bahot sunder likha hai.
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