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गुरुवार, 24 दिसंबर 2009

लव इन ऑरकुट




यहाँ बात तुम्हारे प्रेम में डूबे ई -मेल्स के पुलिन्दे की नहीं है
जो सुरक्षित हैं कंप्यूटर के साथ साथ
मेरी स्मृतियों में

न ही शहद जैसी तुम्हारी बातों और फुर्सत में तैयार किये गए
सपनो और समझौतों के लम्बी चौडी फेहरिस्त की है
जो अक्सर मेरे स्क्रैप बुक पर और कभी कभी सेलफोन पर मेरे हिस्से में आती हैं
उन कविताओं की भी नहीं
जो मुझे पढाने के लिए
यहाँ वहां
तुम अक्सर लिखा करते हो

तुम्हारे प्रेम का प्रतीक सिर्फ वो चुप्पी है
जो अक्सर मेरे ऑरकुट की विजिटर लिस्ट में नजर आ जाती है
जिसे थका हारा घर लौटने के बाद
इस बेजान सी मशीन की स्क्रीन पर मैं रोज देखता हूँ
मैं जानता हूँ कि तुमने भी उस वक़्त तक कुछ न खाया होता है
और मेरे इन्तजार में
अपने बाल खोलकर
फिर कोई कविता लिखती रहती हो
या फिर अपनी ही कोई तस्वीर मेरे लिए सजाती रहती हो |

10 टिप्‍पणियां:

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

बहुत सुंदर भाई दिल की बात वो भी एक नये और अलग अंदाज में..बढ़िया अभिव्यक्ति..बहुत बहुत धन्यवाद

शायदा ने कहा…

interesting...

shikha varshney ने कहा…

Bahut sunder abhivyakti

वाणी गीत ने कहा…

क्या बात है इस ऑरकुट प्रेम की ...:)...

Udan Tashtari ने कहा…

और मेरे इन्तजार में
अपने बाल खोलकर
फिर कोई कविता लिखती रहती हो
या फिर अपनी ही कोई तस्वीर मेरे लिए सजाती रहती हो |

-क्या बात है!!

M VERMA ने कहा…

और मेरे इन्तजार में
अपने बाल खोलकर
फिर कोई कविता लिखती रहती हो
बहुत अच्छी लगी यह आरकुटिया प्रेमाभिव्यक्ति

Unknown ने कहा…

wow nice one but.........is it any love in orkut .. i dont belive

Meenu Khare ने कहा…

तुम्हारे प्रेम का प्रतीक सिर्फ वो चुप्पी है

...न ही शहद जैसी तुम्हारी बातों और फुर्सत में तैयार किये गए
सपनो और समझौतों के लम्बी चौडी फेहरिस्त की है...


...जो अक्सर मेरे ऑरकुट की विजिटर लिस्ट में नजर आ जाती है
जिसे थका हारा घर लौटने के बाद
इस बेजान सी मशीन की स्क्रीन पर मैं रोज देखता हूँ...

वाह वाह वाह...एकदम अलग अभिव्यक्ति.ऑरकुट के बिम्बों को लेकर कविता! यह असाधारण है. कहने का यही अलग ढंग तो बताता है कि इसे आवेश जी ने लिखा है! आपकी यह कविता मैं अपने ढेर सारे ऑरकुट मित्रों को भेज रही हूँ जो नई कविता के पारखी हैं. शुभकामनाएँ.

Crazy Codes ने कहा…

aawsh ji kya kahun aapki is orkuting k baare mein?

लीना मल्होत्रा ने कहा…

bahut sundar sashakt abhivyakti.
तुम्हारे प्रेम का प्रतीक सिर्फ वो चुप्पी है..
और मेरे इन्तजार में
अपने बाल खोलकर
फिर कोई कविता लिखती रहती हो
या फिर अपनी ही कोई तस्वीर मेरे लिए सजाती रहती हो |..chitratmak..

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